महाकविभासप्रणीतम् कर्णभारम्मध्यमव्यायोगश्च: एकाङ्करूपकम्Two one-act plays; episode from the Mahābharata. |
From inside the book
Results 1-3 of 51
Page 33
... कृतं रूपकम् इति व्याख्या मदीया युक्तिगता प्रतीयते । " नान्दी " शब्दो भासीयरूपकेषु " मुरज " वाद्यविशेषबोधक एव भवितुमर्हति । कुतः ...
... कृतं रूपकम् इति व्याख्या मदीया युक्तिगता प्रतीयते । " नान्दी " शब्दो भासीयरूपकेषु " मुरज " वाद्यविशेषबोधक एव भवितुमर्हति । कुतः ...
Page 42
एकाङ्करूपकम् Bhāsa Sudarśana Śarmā. यस्य सः अत एव विक्रमेण युक्त इति विक्रमी तस्य वैधुर्यम् विधुरता मन : आधिः आपतति प्रकटीभवति इति ...
एकाङ्करूपकम् Bhāsa Sudarśana Śarmā. यस्य सः अत एव विक्रमेण युक्त इति विक्रमी तस्य वैधुर्यम् विधुरता मन : आधिः आपतति प्रकटीभवति इति ...
Page 96
... इति सिद्धान्तस्तु- 44 आशीर्वचनसंयुक्ता ... इति प्रकार भाव पेशल : - भासोत्तरकालीननाटक परम्परायां शीर्षक द्रागनन्तरमेव- नान्दीपद्य ...
... इति सिद्धान्तस्तु- 44 आशीर्वचनसंयुक्ता ... इति प्रकार भाव पेशल : - भासोत्तरकालीननाटक परम्परायां शीर्षक द्रागनन्तरमेव- नान्दीपद्य ...
Contents
Introduction 721 | 7 |
भूमिका 2232 | 22 |
Karṇabhāram Text and Translation 3671 | 36 |
Copyright | |
3 other sections not shown
Common terms and phrases
अच्छा अथवा अपने अरे अर्थात् आदरणीय आप इति इव इस प्रकार उस एक एव और कर दिया करके करता है करने कर्ण कर्णः कर्णभारम् का कि किं किया की के कारण के लिए को क्या खलु गए गया है घटोत्कच चाहिए जा जाए जाता जैसे जो तथा तरह तस्य ते तो फिर था दिया गया द्वारा द्वितीय नहीं नाटक नाम नायक नु ने पर परन्तु पिता पुत्र पृ पृ० पृष्ठ प्रथम ब्राह्मण भवतु भावः भास भी भीम भीमः भोः मत मध्यम मन मम माता माना में मेरे मैं यस्य सः यह या युद्ध रहा है रहे रूप रूपी लिया वन वह वा वाला वाले वृत्तम् वृद्धः शक्र शक्रः शब्द शल्य संस्करण सकता समय सहित साथ सूत्रधार से हम हि हिडिम्बा ही हुआ हुए हूँ हैं हो होता है होते होने Bhāsa Brāhmaṇa form Ibid Karna life Madhyama Revered Śalya verily