महाकविभासप्रणीतम् कर्णभारम्मध्यमव्यायोगश्च: एकाङ्करूपकम्Two one-act plays; episode from the Mahābharata. |
From inside the book
Results 1-3 of 9
Page 27
... इन्द्र को कवच - कुण्डल प्रदान करने का प्रसंग उल्लिखित है , उसी प्रकार शान्तिपर्व ( अध्याय ३ ) में कर्ण का कृमि द्वारा डसा जाना और ...
... इन्द्र को कवच - कुण्डल प्रदान करने का प्रसंग उल्लिखित है , उसी प्रकार शान्तिपर्व ( अध्याय ३ ) में कर्ण का कृमि द्वारा डसा जाना और ...
Page 55
... इन्द्र ) शक्रः - भोः मेघा सूर्य्येणैव निवर्त्य गच्छन्तु भवन्तः । ( कर्णमुपगम्य ) भो कष्ण ! महत्तरं भिक्खं याचेमि । ( भोः कर्ण ...
... इन्द्र ) शक्रः - भोः मेघा सूर्य्येणैव निवर्त्य गच्छन्तु भवन्तः । ( कर्णमुपगम्य ) भो कष्ण ! महत्तरं भिक्खं याचेमि । ( भोः कर्ण ...
Page 67
... Indra ) . Karna - Not at all so . śakra or Indra , however , has been duped by me . Because - By me Pākaśasana ' ( ie ... इन्द्र मेरे द्वारा सचमुच सफल मनोरथ बना दिया गया है || २३ || देवदूत ...
... Indra ) . Karna - Not at all so . śakra or Indra , however , has been duped by me . Because - By me Pākaśasana ' ( ie ... इन्द्र मेरे द्वारा सचमुच सफल मनोरथ बना दिया गया है || २३ || देवदूत ...
Contents
Introduction 721 | 7 |
भूमिका 2232 | 22 |
Karṇabhāram Text and Translation 3671 | 36 |
Copyright | |
3 other sections not shown
Common terms and phrases
अच्छा अथवा अपने अरे अर्थात् आदरणीय आप इति इव इस प्रकार उस एक एव और कर दिया करके करता है करने कर्ण कर्णः कर्णभारम् का कि किं किया की के कारण के लिए को क्या खलु गए गया है घटोत्कच चाहिए जा जाए जाता जैसे जो तथा तरह तस्य ते तो फिर था दिया गया द्वारा द्वितीय नहीं नाटक नाम नायक नु ने पर परन्तु पिता पुत्र पृ पृ० पृष्ठ प्रथम ब्राह्मण भवतु भावः भास भी भीम भीमः भोः मत मध्यम मन मम माता माना में मेरे मैं यस्य सः यह या युद्ध रहा है रहे रूप रूपी लिया वन वह वा वाला वाले वृत्तम् वृद्धः शक्र शक्रः शब्द शल्य संस्करण सकता समय सहित साथ सूत्रधार से हम हि हिडिम्बा ही हुआ हुए हूँ हैं हो होता है होते होने Bhāsa Brāhmaṇa form Ibid Karna life Madhyama Revered Śalya verily