महाकविभासप्रणीतम् कर्णभारम्मध्यमव्यायोगश्च: एकाङ्करूपकम्Two one-act plays; episode from the Mahābharata. |
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... १० ॥ - कृत्ते इति - वज्रमुखेन नाम कृमिणा कीटविशेषेण दैवात् भाग्यात् एव ममोरुद्वये कृत्ते सति जङ्घाद्वितयान्तराले छिन्ने सति ...
... १० ॥ - कृत्ते इति - वज्रमुखेन नाम कृमिणा कीटविशेषेण दैवात् भाग्यात् एव ममोरुद्वये कृत्ते सति जङ्घाद्वितयान्तराले छिन्ने सति ...
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... 10 शल्य - तो फिर , फिर । कर्ण - तो फिर - वज्रमुख नाम वाले कीट या कीड़े ... १० ॥ शल्यः - अहो कष्टमभिहितं तत्रभवता । कर्णः - परीक्षामहे ...
... 10 शल्य - तो फिर , फिर । कर्ण - तो फिर - वज्रमुख नाम वाले कीट या कीड़े ... १० ॥ शल्यः - अहो कष्टमभिहितं तत्रभवता । कर्णः - परीक्षामहे ...
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... १० || जतौ तु वंशस्थ मुदीरितं जरौ । The Oldman — Brāhmana ! Don't you remember by the Revered sage Jalaklinna - who remarked this way that this forest is infested with Rākṣasas : ( you ) should move with care ...
... १० || जतौ तु वंशस्थ मुदीरितं जरौ । The Oldman — Brāhmana ! Don't you remember by the Revered sage Jalaklinna - who remarked this way that this forest is infested with Rākṣasas : ( you ) should move with care ...
Contents
Introduction 721 | 7 |
भूमिका 2232 | 22 |
Karṇabhāram Text and Translation 3671 | 36 |
Copyright | |
3 other sections not shown
Common terms and phrases
अच्छा अथवा अपने अरे अर्थात् आदरणीय आप इति इव इस प्रकार उस एक एव और कर दिया करके करता है करने कर्ण कर्णः कर्णभारम् का कि किं किया की के कारण के लिए को क्या खलु गए गया है घटोत्कच चाहिए जा जाए जाता जैसे जो तथा तरह तस्य ते तो फिर था दिया गया द्वारा द्वितीय नहीं नाटक नाम नायक नु ने पर परन्तु पिता पुत्र पृ पृ० पृष्ठ प्रथम ब्राह्मण भवतु भावः भास भी भीम भीमः भोः मत मध्यम मन मम माता माना में मेरे मैं यस्य सः यह या युद्ध रहा है रहे रूप रूपी लिया वन वह वा वाला वाले वृत्तम् वृद्धः शक्र शक्रः शब्द शल्य संस्करण सकता समय सहित साथ सूत्रधार से हम हि हिडिम्बा ही हुआ हुए हूँ हैं हो होता है होते होने Bhāsa Brāhmaṇa form Ibid Karna life Madhyama Revered Śalya verily